Tuesday, July 2, 2019

Movie

सिल्वरस्क्रीन पर भव्यता और भावनाओं की अद्भुत दुनिया रचने वाले फिल्मकार की भांजी भी अब अभिनय की दुनिया में कदम रखने जा रही हैं। भंसाली के ही बैनर तले बनी फिल्म '' से बॉलिवुड में डेब्यू कर रहीं शरमिन से हमने की यह खास बातचीत: किसी भी ऐक्टर के लिए इससे बड़ी खुशी की बात नहीं हो सकती कि बॉलिवुड के बेहतरीन फिल्मकार संजय लीला भंसाली उसे लॉन्च करें। शरमिन सहगल ऐसी ही खुशकिस्मत ऐक्ट्रेस हैं और हों भी क्यों न, वह भंसाली की भांजी यानी उनकी एडिटर-फिल्ममेकर बहन बेला सहगल की बेटी जो हैं। ऐसे में, शरमिन खुद मानती हैं कि निश्चित तौर पर उनको आसानी से ब्रेक मिल गया। उन्हें अपनी पहली फिल्म के लिए लोगों के पास नहीं जाना पड़ा। लेकिन वह यह भी कहती हैं कि इसी वजह से उन्हें ज्यादा मेहनत भी करनी होगी, क्योंकि उनसे लोगों की उम्मीदें भी ज्यादा होगी। बकौल शरमिन, ‘मैं मानती हूं कि मैं किस्मतवाली हूं कि मुझे संजय सर के लेवल के फिल्ममेकर के साथ काम करने का मौका मिला। हालांकि वह मुझे डायरेक्ट नहीं कर रहे हैं, सिर्फ प्रड्यूस कर रहे हैं। लेकिन यह सिर्फ एक ब्रेक है, आगे काम पाने के लिए मुझे उतनी ही मेहनत करनी पड़ेगी।’ 'बाजीराव मस्तानी' के सेट पर हुई ट्रेनिंग शरमिन मलाल से पहले 'बाजीराव मस्तानी' में भंसाली की असिस्टेंट भी रह चुकी हैं। उन्होंने शरमिन को क्या टिप्स दिए, यह पूछने पर वह बताती हैं, 'संजय सर ने कहा- बेटा मेकअप लगाना सीखो, जो मैंने किया। बेटा बाल बनाना सीखो, जो मैंने किया। उनका कहना था कि आखिर में आप खुद को भी बेच रहे हैं, तो अच्छे से बेचो। अच्छी तरह पेश करो। 'बाजीराव मस्तानी' के दौरान भी जब मैं सेट पर जाती थी, तो वे कहते थे कि भले ही तुम असिस्टेंट हो, पर लिपस्टिक लगाकर आओ। मैं एक ही असिस्टेंट थी, जो सेट पर लिपस्टिक लगाकर घूमती थी, तो उन्होंने मुझे खुद को ग्रूम करना सिखाया। 'बाजीराव मस्तानी' के टाइम वे मुझे दीपिका, रणवीर, प्रियंका के शॉट दिखाकर इमोशंस को पकड़ना सिखाते थे। मैंने बाजीराव मस्तानी के सेट पर उन्हें इन कमाल के ऐक्टर्स के साथ काम करते देखा है और मेरी ख्वाहिश है कि भविष्य में एक दिन वह मुझे भी डायरेक्ट करें। मुझे खुद को इस काबिल बनाना है कि वह मुझे डायरेक्ट करें।' ज्यादा वजन की वजह से मुझ पर हंसते थे मेरे क्लासमेट मां बेला सहगल और मामा संजय लीला भंसाली के फिल्मों में होने के चलते इस जादुई दुनिया से शरमिन का राब्ता बचपन में ही हो गया था, पर बचपन में वह ऐक्टर नहीं डॉक्टर बनना चाहती थीं। ऐक्टिंग की ओर अपने रुझान को लेकर वह बताती हैं, 'बेशक मैं फिल्मों के बीच पली-बढ़ी हूं। मैंने अपनी जिंदगी के बहुत सारे दिन फिल्म सेट पर गुजारे हैं। लेकिन 11 साल की उम्र से लेकर 17 साल तक मुझे ऐक्ट्रेस नहीं बनना था। मुझे डॉक्टर बनना था, क्योंकि बायॉलजी से बहुत लगाव था। जब मैं 12वीं क्लास में थी, तब मैंने थिअटर लिया। उस वक्त मेरा वजन बहुत ज्यादा था और तीन लड़के थे, जो मुझ पर बहुत हंसते थे। एक बार जब मैं परफॉर्मेंस के लिए स्टेज पर गई और वो ऑडियंस में बैठकर हंस रहे थे, तो मेरे मन में ख्याल आया कि वे लोग 'मोटी' शरमिन, पर नहीं हंस रहे हैं, वह शरमिन के किरदार पर हंस रहे हैं। तो यहां से मुझमें ऐक्ट्रेस बनने का कीड़ा लगा। मैंने सोचा कि ऐक्टिंग ही एक ऐसा जरिया है, जिससे आप एक जिंदगी में बहुत सारी जिंदगियां जी सकते हैं।' लुक पर किया है काफी काम शरमिन आगे बताती हैं, 'जब मैंने अपनी ममी को बोला कि मुझे ऐक्ट्रेस बनना है, तो उनका पहला रिऐक्शन था कि तू अपना साइज देख, कैसे ऐक्टर बनेगी? तब मैंने कहा कि मैं बनूंगी, तो उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें बनना ही है, तो तुम्हें वजन कम करना ही पड़ेगा। तुम्हें मेकअप लगाना ही पड़ेगा। ये तुम्हारी मेहनत है। सच कहूं, तो ऐक्ट्रेस बनने की राह में मेरी सत्तर पर्सेंट मेहनत अपने लुक पर काम करने में गई, क्योंकि आप भले ही लुक को ज्यादा अहमियत न दें, पर आपको कुछ चीजें करनी पड़ती हैं। एक ऐक्टर के तौर, अपनी बॉडी, अपने लुक पर मुझे काफी काम करना पड़ा।' उन्हें जज करने का मौका क्यों दूं? बॉलिवुड में ऐक्ट्रेसेज को लेकर एक ढांचा बना दिया गया है कि उसे पतला, सुंदर ही दिखना है। लेकिन क्या इंडस्ट्री ऐक्ट्रेसेज को उसके लुक के बजाय ऐक्टिंग के आधार पर एक्सेप्ट कर सकती है/ इस पर शरमिन का कहना है, 'यह सबकी अपनी सोच है। मेरे हिसाब से फिट होना जरूरी है। लेकिन यह भी सच है कि फिल्म में कास्टिंग के वक्त फिजिकैलिटी, लुक सब देखा जाता है कि आप उस रोल में फिट होंगे या नहीं। मैं मानती हूं कि लोगों को वजन, लुक पर जज नहीं करना चाहिए, लेकिन स्क्रीन पर आप कहीं न कहीं अपनी फिजिकैलिटी और पर्सनैलिटी भी दर्शाते हैं। हो सकता है कि दूसरों को यह महसूस न हुआ हो, पर मुझे हुआ था, जब लोग जज करते हैं, जब लड़के-लड़कियां आपका मजाक उड़ाते हैं और आपको लगता है कि कोई भी आपको प्यार नहीं करेगा, वह अच्छी फीलिंग नहीं होती और ऐक्टर बनने के बाद वह फीलिंग हजार गुना और बढ़ जाती है, तो मुझे पर्सनली लगा कि मैं मेहनत करके अपने को फिट करूं। लोग वैसे भी मुझे मेरी ऐक्टिंग को लेकर जज करने वाले हैं, मैं नहीं चाहती कि मैं उनको मुझे जज करने के लिए एक और मौका दूं।'


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