गुजरे जमाने के के दिग्गज ऐक्टर () भले ही आजकल फिल्मों में ज्यादा ऐक्टिव न हों मगर एक समय पर वह हिंदी फिल्मों के सबसे पॉप्युलर विलन थे। अपने करियर में रंजीत ने खूब फिल्में की हैं और भी उनके निभाए किरदार लोगों को याद हैं। रंजीत ने हाल में हमारे सहयोगी ETimes को एक लंबा इंटरव्यू दिया है और इसमें अपने करियर और फिल्मों से जुड़ी यादों को साझा किया है। मेरा कोई गॉडफादर नहीं थाअपने बॉलिवुड के सफर को साझा करते हुए रंजीत ने कहा, 'मैं बाय चांस ऐक्टर बन गया। मैं कभी ऐक्टिंग को लेकर सीरियस नहीं था। मेरा यहां कोई गॉडफादर नहीं था फिर भी मुझे इतनी फिल्में मिल गईं। मेरे पास घर आने के लिए भी वक्त नहीं होता था। मैं अपनी कार में सोता था। मुझे तो यह भी नहीं पता था कि मैं कितना पैसा कमा रहा हूं। लोग मुझे लेकर फिल्में अनाउंस कर देते थे और मुझे पता ही नहीं होता था कि उनकी फिल्म में मैं काम कर रहा हूं। हालांकि मैंने ऐसी फिल्मों के लिए कभी मना भी नहीं किया।' पहली फिल्म ही हो गई थी डिब्बा बंदकम ही लोगों को पता होगा कि रंजीत की पहली फिल्म ही बंद हो गई थी। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं एक फुटबॉलर था और लोग मुझे गोली के नाम से बुलाथे थे। मैंने और मेरे 3 दोस्तों ने एयरफोर्स के एग्जाम के लिए अप्लाई किया था जिसके बाद हम ट्रेनिंग के लिए कोयंबटूर गए थे। लेकिन वहां मेरे सुपरवाइजर के साथ मेरी नहीं बनी तो मुझे बीच में ही छोड़ना पड़ा। जब मैं वापस दिल्ली आ गया तो नहीं पता था क्या करूं। मैं एक पार्टी में गया तो वहां मुझे रणजीत सिंह मिले जो मुझे अपनी फिल्म में लेना चाहते थे। मैंने फिल्म को हां कह दी, इसमें मैं हीरो के रोल में था जो एक ट्रक ड्राइवर का हेल्पर है। मैंने अपने परिवार तो दूर दोस्तों तक को नहीं बताया था कि मैं फिल्म में काम कर रहा हूं। बाद में रणजीत सिंह ने फिल्म बनाने से ही इनकार कर दिया। मैं मुंबई आया और दूसरे ही दिन सुनील दत्त से मिला। इसके बाद अगले ही दिन मेरी मुलाकात राज कपूर साहब से हुई। जब फिल्म बननी ही फाइनल नहीं थी तो मैंने वापस दिल्ली आने के बारे में सोचा।' इस तरह मिली डेब्यू फिल्मरंजीत ने आगे बताया कि उन्हें कैसे पहली फिल्म मिली। उन्होंने कहा, 'इसी बीच मुंबई छोड़ने से पहले मेरे दोस्त ने मुझसे कुछ काम में मदद मांगी तो मैं उसे सुनील दत्त के ऑफिस ले गया। वहां पता चला कि सुनील दत्त मुझसे काफी नाराज थे क्योंकि वह एक रोल के लिए मुझे लेना चाहते थे मगर मुझसे संपर्क नहीं कर पा रहे थे। और इस तरह मुझे 'रेशमा और शेरा' में रोल मिल गया। इसके बाद मुझे 'सावन भादों' में एक छोटा सा रोल मिला। इस तरह मुझे फिल्में मिलनी शुरू हो गईं। पहली 2 फिल्मों में मैंने भाई का किरदार निभाया लेकिन उसके बाद फिर पूरी जिंदगी लड़कियों के कपड़े खींचता रह गया।' फैशन ने मेरा करियर बर्बाद कर दियारंजीत ने लगभग 350 फिल्मों में रेपिस्ट के किरदार निभाए हैं। हालांकि रंजीत को इससे कुछ शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा, 'उन दिनों में रेप सीन वल्गर नहीं होते थे। मेरा काम था कि साथ में हिरोइन कम्फर्टेबल रहे। बाद में लोग मुझे रेप स्पेशलिस्ट बुलाने लगे। उस समय अब जैसा माहौल नहीं था और लव मेकिंग सीन नहीं हुआ करते थे। भाई, ऐसा ही करना है तो ब्लू फिल्म बना लो?' रंजीत ने आगे मजाकिया लहजे में कहा, 'मैं हमेशा मजाक में कहता था कि फैशन ने मेरा करियर बर्बाद कर दिया। लड़कियों ने इतने छोटे कपड़े पहनने शुरू कर दिए कि खींचने को कुछ बचा ही नहीं।'
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