Monday, December 2, 2019

Movie

बॉलिवुड का एक चर्चित तकियाकलाम है कि फिल्में सिर्फ तीन चीजों से चलती हैं, 'एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट' और इंडस्ट्री के सीनियर ऐक्टर भी कुछ ऐसा ही मानते हैं। जल्द ही क्राइम थ्रिलर फिल्म ‘द बॉडी’ में नजर आने वाले ऋषि कपूर दो टूक कहते हैं कि एंटरटेनमेंट के बिना कोई पिक्चर कभी थिअटर में नहीं चल सकती। इस कड़ी में उन्होंने नंदिता दास निर्देशित फिल्म '' का भी उदाहरण दिया। अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर ऋषि कपूर ने कहा, ‘सिनेमा एंटरटेनमेंट का माध्यम है। बाकी, प्रयोग के नाम पर बोरिंग फिल्म बनानी है, तो टीवी के लिए बनाओ, दूरदर्शन के लिए बनाओ, थिअटर में उसे कौन देखेगा? 'मंटो' किसने देखी? मैंने भी काम किया 'मंटो' में, एक सीन किया था, पर किसने देखी? अगर तुम एक डॉक्यूमेंट्री जैसी बोरिंग पिक्चर बनाओ, फिर बोलो कि नहीं चली, लोगों ने देखी नहीं। अरे, क्यों देखेंगे यार? आज डेढ़ सौ-दो सौ रुपये के टिकट होते हैं, उससे लोग बोरिंग पिक्चर थोड़ी देखना चाहते हैं।' ऋषि कपूर ने बेबाकी के साथ आगे कहा, 'ये जो हिप्पोक्रेसी है ‘मंटो’ जैसी पिक्चर बनाने की, क्यों बनाते हो ऐसी पिक्चर? बनाना है तो तुम दूरदर्शन के लिए फोकट में बनाओ या अपने मोबाइल फोन से विडियो बनाओ। ये माध्यम एंटरटेनमेंट का है, मनोरंजन का है, इसलिए अगर आपको ऐसी पिक्चरें बनानी है, जो लोगों को बोर करेंगी या सुलाएंगी, तो आप किसी और माध्यम में बनाओ।' बता दें कि नंदिता दास निर्देशित फिल्म 'मंटो' उर्दू के मशहूर अफसानानिगार सआदत हसन मंटो की जिंदगी पर आधारित थी, जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मुख्य भूमिका निभाई थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं चली थी।


from Entertainment News in Hindi, Latest Bollywood Movies News, मनोरंजन न्यूज़, बॉलीवुड मूवी न्यूज़ | Navbharat Times https://ift.tt/2rJwuWR
https://ift.tt/2FLzuri

No comments:

Post a Comment