एक समय पर अमिताभ बच्चन की गांधी-नेहरू परिवार से बहुत नजदीकी थी। अमिताभ तब इंदिरा गांधी को आंटी कहकर पुकारते थे और राजीव गांधी से उनकी अच्छी दोस्ती थी। अमिताभ बच्चन के घायल होने पर इंदिरा गांधी उन्हें देखकर रो तक पड़ी थीं। जानें, अमिताभ और गांधी-नेहरू परिवार के बनते-बिगड़ते रिश्तों की पूरी कहानी।
बॉलिवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने भले ही अब राजनीति से दूरी बना ली है मगर एक समय ऐसा था जब वह न केवल राजनीति में ऐक्टिव थे बल्कि उनके गांधी-नेहरू परिवार से भी पारिवारिक संबंध थे। हालांकि अभी भी उनकी पत्नी जया बच्चन (Jaya Bachchan) समाजवादी पार्टी से राज्य सभा सांसद हैं लेकिन बिग बी पॉलिटिक्स पर कोई भी कॉमेंट नहीं करते हैं। एक समय अमिताभ बच्चन की राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) से गहरी दोस्ती थी और उन्हें घायल देखकर इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) रो पड़ी थीं। जानें, आखिर क्यों गांधी-नेहरू परिवार से दूर हो गए अमिताभ।
जवाहर लाल नेहरू के समय से थी दोनों परिवारों की नजदीकी
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन की काफी नजदीकी थी। हरिवंश राय बच्चन भारतीय विदेश मंत्रालय में हिंदी अधिकारी थे और उनकी हिंदी की समझ और कविताओं से नेहरू काफी प्रभावित रहते थे। इसी दौरान ये दोनों परिवार एक-दूसरे के नजदीक आ गए।
अमिताभ की मां तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी की दोस्ती
एक समय पर इंदिरा गांधी और अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन की बेहद खास दोस्ती थी। धीरे-धीरे यह दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि दोनों परिवारों का एक-दूसरे के घर में आना-जाना हो गया। तभी से अमिताभ इंदिरा गांधी को आंटी कहकर पुकारते थे।
राजीव गांधी से गहरी हुई दोस्ती
पारिवारिक संबंधों में अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी की दोस्ती और गहरी होती चली गई। राजीव गांधी के कहने पर ही अमिताभ बच्चन ने 1984 में इलाहाबाद की फूलपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था और वह इस चुनाव में जीतकर सांसद भी बन गए थे।
सोनिया गांधी को रिसीव करने पहुंचे थे अमिताभ
जब सोनिया गांधी पहली बार राजीव के साथ इंडिया आई थीं तब अमिताभ बच्चन खुद उन्हें रिसीव करने दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। कहते हैं कि अमिताभ की मां तेजी बच्चन ने ही तब सोनिया को इंडियन तौर-तरीके और पहनावा सिखाया था। धीरे-धीरे सोनिया पूरी तरह से भारतीय हो गईं।
अमिताभ बच्चन के घर में ठहरा था सोनिया गांधी का परिवार
जब राजीव गांधी ने सोनिया से शादी करने की बात कही थी तो इंदिरा गांधी इसके खिलाफ थीं। कहा जाता है कि तब तेजी बच्चन ने ही इंदिरा को समझा-बुझा कर राजीव-सोनिया की शादी के लिए तैयार किया था। इसके बाद सोनिया गांधी का परिवार इटली से आकर तेजी बच्चन के दिल्ली वाले घर में ही ठहरा था।
अमिताभ को घायल देख रो पड़ी थीं इंदिरा गांधी
फिल्म 'कुली' की शूटिंग के दौरान पुनीत इस्सर के घूंसे से अमिताभ बच्चन गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अमिताभ बच्चन जब जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे तो उन्हें देखने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी हॉस्पिटल पहुंची थीं। पत्रकार राशिद किदवई ने अपनी किताब 'नेता-अभिनेता: बॉलिवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स' बताया है कि इंदिरा को देखकर अमिताभ ने कहा था, 'आंटी मैं सो नहीं पा रहा हूं।' अमिताभ के इतना कहने पर इंदिरा गांधी रो पड़ी थीं।
अमिताभ और राजीव के बीच आ गई दूरी
राशिद किदवई ने अपनी किताब में यह दावा किया है कि अमिताभ बच्चन ने राजनीति में आने के बाद राजीव गांधी की सरकार में अधिकारियों की नियुक्तियों और ट्रांसफर में दखल देने लगे थे। इस बात से राजीव गांधी काफी नाराज रहते थे। बाद में बोफोर्स घोटाले में राजीव गांधी के साथ अमिताभ बच्चन का भी नाम आने पर बिग बी ने लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा देने के बाद अमिताभ बच्चन ने राजीव गांधी और उनके परिवार से संबंध लगभग तोड़ लिये थे।
अमर सिंह वापस लाए राजनीति में
कहते हैं कि अमिताभ के डूबते करियर को उबारने में अमर सिंह ने काफी मदद की थी। अमर सिंह काफी समय तक समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे थे। इसके बाद अमिताभ बच्चन मुलायम सिंह, उनके परिवार और पार्टी के काफी करीबी हो गए। वह कई मौकों पर मुलायम सिंह के साथ दिखाई देने लगे। हालांकि अमिताभ खुद फिर कभी राजनीति में ऐक्टिव नहीं हुए। बाद में जया बच्चन समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं और अब भी समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद हैं।
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