बॉलिवुड ऐक्टर आमिर खान और जूही चावला स्टारर सुपरहिट फिल्म 'हम हैं राही प्यार के' का हिट सॉन्ग 'घूंघट की आड़ से' तो आपको याद ही होगा। इस गाने को दिग्गज सिंगर और अलका याग्निक ने गाया था। उस साल 'हम हैं राही प्यार के' को 2 का सम्मान मिला था, जिसमें से एक स्पेशल जूरी अवॉर्ड फिल्म के डायरेक्टर महेश भट्ट को मिला और दूसरा नैशनल अवॉर्ड 'घूंघट की आड़ से' गानें के लिए अलका याग्निक को दिया गया। नवभारतटाइम्स डॉट कॉम के साथ हुई एक Exclusive बातचीत में कुमार सानू का दर्द छलक कर सामने आ गया। कुमार सानू को लगता है कि 'घूंघट की आड़ से गानें को जब अलका के साथ मिलकर उन्होंने गाया है तो वह गाना किस सिंगर का हुआ। कुमार सानू ने सवाल किया है कि फिल्म हम हैं राही प्यार का गाना घूंघट की आड़ से किसका गाना है? उनका या अलका याग्निक का? या फिर दोनों सिंगर्स का। अगर वह गाना दोनों सिंगर्स ने साथ गाया है तो नैशनल अवॉर्ड देने वाली जूरी में बैठे लोगों ने इस गानें के लिए सिर्फ अलका याग्निक को नैशनल अवॉर्ड कैसे दिया? यह बात आज लगभग 28-30 साल बात भी कुमार सानू के समझ में नहीं आई है। घूंघट की आड़ से गाना किसका था? मेरा या अलका का नवभारतटाइम्स डॉट कॉम से बातचीत के दौरान कुमार सानू ने सवाल करते हुए कहा, 'घूंघट की आड़ से गानें में मेरे साथ अलका याग्निक थीं, मैंने और अलका ने मिलकर वह गाना गाया था। अब मुझे यह समझ नहीं आता कि यह गाना मेरा हिट गाना हुआ या फिर अलका याग्निक का? क्योंकि अलका को घूंघट की आड़ गानें के लिए नैशनल अवॉर्ड मिला था, मुझे नहीं मिला। मुझे सचमुच समझ में नहीं आता कि क्या चल रहा था? क्या नहीं चल रहा था।' मेरे कई गानों में साथी सिंगर को मिला नैशनल अवॉर्ड, लेकिन मुझे नहीं सानू अपने सवालों को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं, 'कौन लोग हैं जो नैशनल अवॉर्ड की ज्यूरी में रहते हैं? कौन नहीं रहते हैं? कौन-क्या किस तरह से करता है? मेरे और भी कई ऐसे गानें हैं, जिन्हें मैंने अपने साथी सिंगर्स के साथ गाया था, उन गानों में भी मेरे साथ गाने वाले साथी सिंगर को नैशनल अवॉर्ड मिला, मुझे नहीं। कमाल है!! क्या नैशनल अवॉर्ड वाले मेरे ऊपर किसी बात पर गुस्सा थे?' मेरे साथ क्यों हो रहा था यह सब, नहीं पता सानू कहते हैं, 'मुझे नहीं पता यह सब क्या हो रहा था और क्यों हो रहा था... ( हल्की हंसी के साथ अपनी बात समाप्त करते हुए ) खैर... अब तो नैशनल अवॉर्ड की बात नहीं हैं, पब्लिक जितना ज्यादा चाहती है, प्यार देती है, मेरे लिए वही सबसे बड़ा अवॉर्ड है। अब ऐसा लगता है, जब जनता मुझे इतना ज्यादा चाहती है, मेरी इतनी बड़ी फैन फॉलोइंग है, ऐसे में नैशनल अवॉर्ड अब न भी मिले तो कोई बात नहीं है।' नैशनल अवॉर्ड अबतक नहीं मिला मुझे कुमार सानू ( ) ने कहा, 'नैशनल अवॉर्ड मुझे अब तक नहीं मिला है... क्योंकि... नैशनल अवॉर्ड वाले शायद यह सोचते होंगे मैं National Awrds के लायक नहीं हूं, इसलिए मुझे नहीं दिया गया नैशनल अवॉर्ड।' लगातार 7 साल तक मिलना चाहिए था मुझे नैशनल अवॉर्ड आपके हिसाब से आपकी किन फिल्मों के गानों के लिए आपको नैशनल अवॉर्ड मिलना चाहिए था? इस सवाल के जवाब में कुमार सानू ने बताया, 'मुझे लगता है 1990, 91, 92, 93, 94, 95 और 1996 तक यानी लगातार 7 साल... हर साल मिलना चाहिए था नैशनल अवॉर्ड, इन 7 सालों में मेरे गानों से ज्यादा पॉपुलर और हिट कोई और सॉन्ग्स नहीं थे। इन सालों में कोई एक फिल्म या एक गाना नहीं थे, जिसके बारे में लगता कि नैशनल अवॉर्ड मिलना चाहिए।' अब आगे कभी नहीं मिलेगा मुझे नैशनल अवॉर्ड 'बहुत सारी फिल्मों के कई गानें थे, जो नैशनल अवॉर्ड डिजर्व करते थे। मैंने तो सोच लिया था कि नैशनल अवॉर्ड जब उस समय नहीं मिला, जब हर साल मेरी बहुत सी फिल्मों के बहुत से गानें हिट होते थे, तो अब क्या ही आगे मिलेगा। आज भी मुझे लगता है कि अब आगे कभी नहीं मिलेगा नैशनल अवॉर्ड। क्योंकि जिस समय नैशनल अवॉर्ड देना चाहिए था, उस समय तो उन लोगों ने दिया नहीं, अब क्या देंगे।' नैशनल अवॉर्ड मिलने का गर्व क्या होता है कैसे बताऊं मैं क्या हर साल नैशनल अवॉर्ड की घोषणा से पहले आपको अपने नाम का इंतजार होता था कि शायद इस साल आपको सरकारी सम्मान ( ) मिले ? सानू जवाब में कहते हैं, 'साल 1990 से 1996 तक जब नैशनल अवॉर्ड नहीं मिला, उसके बाद छोड़ दी उम्मीद, अब मुझे नहीं लगता आगे कभी मिलेगा, जिस समय देना चाहिए था, उस समय तो दिया नहीं, अब क्या देंगे। मैं 90 से 96 हर साल इंतजार करता था क्योंकि नैशनल अवॉर्ड एक अलग सम्मान है, सरकारी रिकॉग्नाइजेशन है, उसे पाने की एक अलग ही फीलिंग होती है। मैं क्या ही बोलूं आपको कैसे बताऊं नैशनल अवॉर्ड मिलने का गर्व क्या होता है।' बहुत ज्यादा जोड़-तोड़ किया जाता है नैशनल अवॉर्ड में क्या आपको लगता है नैशनल अवार्ड में कोई पॉलिटिक्स होती है? 'पब्लिक सब जानती है कि जिनको भी नैशनल अवॉर्ड - पद्म सम्मान मिला है और मिलता है, वह सचमुच कितने डिजर्विंग हैं। मेरे बोलने से कोई भी फायदा नहीं है, नैशनल अवॉर्ड के लिए बहुत ज्यादा जोड़-तोड़ और हथकंडे ( मैन्युपुलेशन - Manipulation ) अपनाएं जाते हैं।' मेरा अचीवमेंट ज्यादा है, मैं चैलेंज कर सकता हूं कुमार सानू कहते हैं, 'जिनको भी नैशनल अवॉर्ड उस समय प्रदान किया गया मैं उनको चैलेंज करता हूं कि उनसे ज्यादा अचीवमेंट तो मेरा है, यह चैलेंज मैं आज भी कर सकता हूं, लेकिन मुझे अब यह इन सब झंझटों में नहीं पड़ना और उलझना है कि किसको नैशनल अवॉर्ड मिला, मिल रहा है।' नैशनल अवॉर्ड में झोल और लोचा होता है 'मैं तो जिंदगी में कभी नहीं सोचा था कि कोई अवॉर्ड मुझे मिलेगा, मैं कुमार सानू बड़ा सिंगर बनूंगा, तो जितना भी मुझे मिला मैं बहुत-बहुत ज्यादा खुश हूं। जब नैशनल अवॉर्ड को लेकर बातचीत होती है, तब मुझे लगता है कि कुछ न कुछ तो होता है अंदर, जिसकी वजह से ज्यादा अचीवमेंट वाले को अवॉर्ड नहीं मिलता है, जिसका कम अचीवमेंट है, उसको नैशनल अवॉर्ड मिल जाता है। कुछ न कुछ तो झोल-झाल या लोचा, कुछ न कुछ तो है।'
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