के ड्रग्स केस () में तब नया मोड़ आ गया जब इसमें बीजेपी के 2 कथित कार्यकर्ता मनीष भानुशाली और खुद को प्राइवेट डिटेक्टिव कहने वाले () का नाम सामने आया है। कहा जा रहा है कि इन दोनों की सूचना के आधार पर ही () ने 2 अक्टूबर को क्रूज शिप पर छापेमारी की थी जहां कथित तौर पर ड्रग पार्टी चल रही थी। एनसीबी ने ड्रग्स के इस्तेमाल के आरोप में आर्यन सहित 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इन 2 लोगों के नाम सामने आने पर एनसीबी ने कहा है कि यह उनके स्वतंत्र गवाह हैं। किरण गोसावी कि आर्यन खान के साथ एक सेल्फी भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी जब वह एनसीबी की हिरासत में थे। अब पता चला है कि एनसीबी का यह 'स्वतंत्र गवाह' खुद 2018 के एक धोखाधड़ी के मामले में भगोड़ा है और उसके खिलाफ पुणे में एफआईआर दर्ज है। 'इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे पुलिस के कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने कन्फर्म किया है कि गोसावी एक धोखाधड़ी के मामले में वॉन्टेड है। इससे पहले एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी आरोप लगाए थे कि मनीष भानुशाली और किरण गोसावी के संबंध बीजेपी से हैं। इन्हें क्रूज शिप पर छापेमारी के बाद एनसीबी के अधिकारियों के साथ देखा गया था। मलिक ने यह भी आरोप लगाया था कि खुद को मलयेशिया का जासूस बताने वाले गोसावी पर भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और उसके कुछ एनसीबी के अधिकारियों के साथ नजदीकी संबंध हैं। गोसावी कम से कम 4 अलग-अलग मामलों में आरोपी है। इसमें एक केस मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन में 2007 में, 2 केस ठाणे के कपूरबावडी पुलिस स्टेशन में 2015 और 2016 में और एक केस पुणे के फारसखाना पुलिस स्टेशन में 2018 में दर्ज किया गया था। कस्बा पेठ के रहने वाले चिन्मय देशमुख ने गोसावी के खिलाफ 29 मई 2018 को एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि गोसावी ने सोशल मीडिया पर मलयेशिया में नौकरी दिलाए जाने का विज्ञापन दिया था। फिर नौकरी का झांसा देकर गोसावी ने देशमुख से 3.09 लाख रुपये ऐंठ लिए।
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