टीवी ऐक्ट्रेस () को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) से बड़ी राहत मिली है। पति अभिनव कोहली (Abhinav Kohli) से विवाद के बीच कोर्ट ने कपल के पांच साल के बेटे रेयांश (Reyansh) की कस्टडी उसकी मां यानी श्वेता तिवारी के पास ही रहने दी है। हालांकि, अभिनव कोहली को अपने बेटे से मिलने का मौका दिया जाएगा। वह अपने बेटे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हर दिन हाथे घंटे तक बात कर सकेंगे, जबकि वीकेंड्स पर वह बेटे से दो घंटे के लिए मिल भी सकते हैं। श्वेता और अभिनव इस ओर समय या दिन को लेकर आपसी सहमति से भी निर्णय ले सकते हैं। अभिनव कोहली ने कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए बेटे की कस्टडी की मांग की थी। अपनी याचिका में अभिनव ने आरोप लगाया था कि श्वेता ने उनके बेटे को गैरकानूनी तौर पर उनसे दूर रखा है। अभिनव ने बेटे को कोर्ट के सामने पेश करने की भी मांग की थी। अभिनव ने कोर्ट में किए ये दावेअभिनव कोहली और श्वेता तिवारी ने 13 जुलाई 2013 को शादी की थी। तीन साल बाद 2016 में बेटे रेयांश का जन्म हुआ। लेकिन इसके बाद दोनों के रिश्तों में खटास घुल गई। अभिनव अपनी मां के घर जाकर रहने लगे। उनकी मां भी कांदीवली ईस्ट इलाके की उसी बिल्डिंग में रहती हैं, जिसमें श्वेता तिवारी का घर है। अभिनव का दावा है कि श्वेता ने न सिर्फ बेटे को पिता से अलग किया, बल्कि बेटे को देश से बाहर भेजने की भी कोशिश की। अभिनव का कहना है कि श्वेता ऐक्ट्रेस हैं और वह बहुत व्यस्त रहती हैं, इसलिए बेटे का खयाल नहीं रख पाती हैं। जबकि खुद उन्होंने 2019 के बाद कोई काम नहीं लिया है, ताकि फैमिली को समय दे सकें। श्वेता तिवारी को वकील ने लगाए आरोपकोर्ट में अभिनव की वकील स्वप्ना कोडे ने बताया है कि महामारी के दौरान रेयांश कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए। यही नहीं, उस दौरान अभिनव कोहली और उनकी मां ने बच्चे की देखभाल की। जबकि नवंबर 2020 से ही अभिनव को बेटे से मिलने नहीं दिया जा रहा है। श्वेता के वकील ने अभिनव पर किया पलटवारदूसरी ओर, कोर्ट में श्वेता तिवारी का पक्ष रखते हुए वकील हृषिकेश मुंदरगी ने कहा कि उनकी मुवक्किल अपनी प्रोफेशनल ड्यूटीज का पालन कर रही हैं, ताकि अपना और बच्चों का भरन-पोषण कर सकें। उन्होंने अभिनव कोहली द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया। इतना ही नहीं, श्वेता ने उलटे अभिनव पर बेटी पलक तिवारी () से बुरा बर्ताव करने और गाली-गलौज जैसे गंभीर आरोप लगाएं। श्वेता ने कोर्ट में पुरानी पुलिस शिकायतों की कॉपी पेश की और यह कहा कि अभिनव लगातार उनके परिवार के लिए एक खतरा बने हुए हैं। ऐसे में यदि वह उनके बेटे के संपर्क में आते हैं, तो इससे बच्चे पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। क्या कहा दोनों जजों ने आदेश मेंदोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस एसएस शिंदे और एनजे जमादार की बेंच ने अपने आदेश में कहा, 'हमारे विचार में, नाबालिग बच्चे की बेहतरी के मुद्दे को सिर्फ यह कहकर नहीं आंका जा सकताा कि उसके माता-पिता अपनी प्रोफेशनल ड्यूटीज के कारण उसे कम समय दे पा रहे हैं। यह एकमात्र मानदंड नहीं हो सकता है। श्वेता तिवारी एक बिजी ऐक्ट्रेस हैं, बेटे की कस्टडी के लिए उनके काम के प्रति कमिटमेंट को ध्यान में रखकर मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है।' अदालत ने यह भी देखा कि अभिनव कोहली ने ऐसे कोई सबूत सामने नहीं रखे, जिसे देखकर यह अंदेशा हो कि श्वेता तिवारी के साथ बेटे की कस्टडी बच्चे के कल्याण और विकास के लिए हानिकारक है।
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